Kanpur News : कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस हादसे में साजिश के मिले सबूत , कानपुर में ट्रैक पर मिले पटरी के 2 टुकड़े

कानपुर में शनिवार देर रात 2.35 बजे साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई। ट्रेन वाराणसी से 16 अगस्त को दोपहर 2.05 बजे अहमदाबाद के लिए रवाना हुई। अयोध्या, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव स्टॉपेज के बाद ट्रेन 54 मिनट देरी से कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंची। यहां से 1.59 बजे अहमदाबाद के लिए रवाना हुई।साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन का अगला स्टॉप पुखरायां जक्शन था। लेकिन, गोविंदपुरी स्टेशन से करीब 4 किमी. दूर गुजैनी बाइपास के पास ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। गाड़ी की 22 बोगियां पटरी से उतर गईं। इस डिरेलमेंट में गहरी साजिश सामने आ रही है।

1. पटरी पर रखे गए 2 बोल्डर, इसी से डिरेल हुई ट्रेन
कानपुर-झांसी रेलवे लाइन डबल लेन की है। एक लेन से गाड़ी कानपुर के लिए आती है, दूसरे से कानपुर से झांसी और अन्य जगह के लिए रवाना होती है। यह सबसे बिजी रूट है। हम जब मौके पर पहुंचे, यहां 2-3 पटरी के टुकड़े (बोल्डर) मिले। यही बोल्डर रेलवे ट्रैक पर रखे गए थे। पहला बोल्डर ट्रेन के इंजन से टकराया, जिससे लोको पायलट को लगा कि कोई भारी चीज इंजन से टकराई है। इस टकराव से इंजन की मजबूत जाली भी टूट गई। इसी दौरान ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया। इससे ट्रेन की स्पीड कम हो गई। दूसरा बोल्डर इंजन की पीछे वाली बोगी के नीचे आया, जिससे ट्रेन में यात्रियों को भी झटका महसूस हुआ। साथ ही ट्रेन का पहला डिब्बा पटरी से डिरेल हो गया। दो बोल्डर बरामद कर लिए गए हैं, तीसरे की तलाश की जा रही है। आशंका है, टक्कर के बाद यह बोल्डर कहीं दूर जा गिरा होगा।

2. बोल्डर को पेंच और गार्डर से कसा गया
ट्रेन को डिरेल करने की साजिश ऐसे भी साफ हो रही है कि इन बोल्डर को पेंच और गार्डर से कसा गया था। यानी ट्रेन के हल्के झटके से यह न निकलें। इनके ऊपर से गुजर कर ट्रेन डिरेल हो जाए। हालांकि, ट्रेन की स्पीड ज्यादा थी। इसलिए पहली टक्कर के बाद बोल्डर उखड़ते चले गए। लेकिन, उछलकर ट्रेन के पहले कोच के पहियों में जा घुसे। इसके बाद पहली बोगी से ही गाड़ी डिरेल होने लगी।

लेकिन, लोको पायलट की सावधानी के चलते डिब्बे पटरी से उतरे, लेकिन पलटे नहीं। एक बड़ी दुर्घटना टल गई। कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने इन टुकड़ों की जांच-पड़ताल की। इन्हें एविडेंस में शामिल किया गया। हादसे के बाद करीब एक किमी तक ट्रैक की जांच की गई। मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम की प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन में पटरी के टुकड़े और एक बड़ा-सा पेंच मौके पर मिला। आशंका है कि इसको पटरी में बांधकर कसा गया, ताकि कोई भी ट्रेन आए तो आगे न बढ़ सके।

3. ट्रेन की स्पीड 80 KM/H रही
जिस वक्त हादसा हुआ, ट्रेन की स्पीड करीब 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी। एक्सीडेंट स्पॉट से करीब 500 मीटर दूर गुजैनी बाईपास है। इसके नीचे से झांसी रेलवे लाइन गुजरती है। हाईवे के नीचे ट्रैक पनकी बड़ी नहर के ऊपर से गुजरता है। एहतियातन ट्रेन जब यहां से गुजरती है, तब उसकी स्पीड स्लो रखी जाती है। लेकिन, साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड कम न होना भी हादसे की वजह मानी जा सकती है।

4. 45 मिनट पहले गुजरी पटना-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन
जिस ट्रैक पर हादसा हुआ, उस पर से रात करीब सवा एक बजे पटना-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन गुजरी थी। इस दौरान स्थिति सामान्य रही। किसी तरह का फाल्ट नहीं मिला। न ही गाड़ी के लोको पायलट ने कोई इनपुट दिया।

ऐसे में सवाल है, 45 मिनट में ट्रैक पर ऐसा क्या हुआ, जिससे हादसा हुआ? मौके पर पहुंचे रेलवे के GM उपेंद्र चंद्र जोशी ने कहा- इस ट्रेन की भी जांच की जा रही है। हम किसी साजिश से इनकार नहीं कर सकते, क्योंकि इसी ट्रैक पर सारी ट्रेनें सुरक्षित गुजरी हैं। ट्रैक में भी किसी तरह की कोई कमी नहीं थी। न ही कोई कॉशन दिया गया था।

5. इंडस्ट्रियल एरिया, सुनसान जगह पर साजिश
जिस जगह हादसा हुआ, वहां से आबादी वाला एरिया करीब एक किलोमीटर दूर है। ये एरिया- गुजैनी गांव, मेहरबान सिंह का पुरवा, गुजैनी शहर, पतरसा, दमगढ़ा, रविदासपुरम हैं। यहां दादानगर और पनकी इंडस्ट्रियल एरिया है। जहां हादसा हुआ, वह सुनसान इलाका है। यहां पुलिस की गश्त लगभग ना के बराबर होती है। दिन में भी यह इलाका वीरान रहता है। यह रेलवे की जमीन है, 4 से 5 किलोमीटर रेडियस में अवैध कब्जा है। साथ ही आसपास बड़ी-बड़ी झाड़ियां हैं। इन इलाकों में हिंदू-मुस्लिम मिश्रित आबादी भी है। ऐसे में यहां किसी भी साजिश को आसानी से अंजाम दिया जा सकता है। पुलिस का कहना है, आसपास के इलाकों में पूछताछ की जा रही है। संदिग्ध एक्टिविटी की पड़ताल की जा रही है। सुनसान इलाका होने के कारण फैक्ट्रियों के लिए जाने के लिए लोग शॉर्टकट रूट अपनाते हैं। आसपास की फैक्ट्रियों पर लगे सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं।

हुक उखड़े मिले, 400 मीटर का ट्रैक डैमेज
रेलवे ट्रैक पर गार्डर बोल्डर के पास हुक (चाबी) भी उखड़े मिले हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि पेंच के साथ गार्डर बोल्डर फिट करने के साथ ही हुक भी निकाल दिए गए। इससे साजिश होने की आशंका मजबूत होती है। रेल अधिकारियों का भी मानना है कि आसानी से यह हुक नहीं निकलते। हालांकि, एक्सीडेंट के बाद करीब 400 मीटर का ट्रैक डैमेज हुआ है। उखड़े हुए हुक को फोरेंसिक टीम ने कलेक्ट कर लिया है। जांच में यह देखा जाएगा कि कहीं इस पर हथौड़े से चोट के निशान तो नहीं हैं। यह भी जांच की जाएगी कि यह हादसे के बाद पटरी से झटके के साथ अलग हुए या पहले ही निकाल दिए गए। वहीं, ट्रेन डिरेल होने के बाद 4 बोगियां ट्रैक से करीब 3 फीट खिसक गईं।

इन्हीं पॉइंट के आधार पर IB करेगी जांच
हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- साबरमती एक्सप्रेस का इंजन कानपुर के पास ट्रैक पर रखी किसी वस्तु से टकराकर पटरी से उतर गया। इंजन पर तीव्र प्रहार के निशान देखे गए हैं। एविडेंस सेफ किए गए हैं। आईबी और यूपी पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।

DGP बोले- साजिश से इनकार नहीं, सख्त कार्रवाई होगी
DGP प्रशांत कुमार ने कहा- पुलिस कमिश्नर कानपुर को मौके पर भेजा गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता। जो लोग इसमें शामिल होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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