उन्नाव में छेना गोदाम पड़ा छापा, SDM ने 11 कुंतल खराब छेना को कराया नष्ट, कई कुंतल की हो चुकी है सप्लाई, जांच जारी


रक्षाबंधन का त्योहार आते ही बाजार में नकली और खराब मिठाियों की खपत भी बढ़ गई हैं... कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर ये सामने आया था कि उन्नाव के हसनगंज तहसील के रामपुर गढौवा गांव में बड़ी मात्रा में मिलावटी छेना और रसगुल्ला तैयार किया जा रहा है। इस बात की जानकारी जब आला अधिकारियों तक पहुंची तो एसडीएम और तहसीलदार ने फूड इंस्पेक्टर के साथ छापेमारी की... इस छापेमारी के दौरान दो फैक्ट्रियों में से बड़ी मात्रा में खराब छेना मिला जिसे नष्ट करा दिया गया.. वहीं जांच टीम दोनों फैक्ट्रियों से सैंपल लेकर भी आई हैं, वहीं जांच में ये बात भी सामने आई कि 100 कुंतल से अधिक छेना बिक्री किया जा चुका है। जो अब बाजार में बिक रहा है...
मिल रही जानकारी के मुताबिक...औरास के रामपुर गढ़ोवा में चल रही दो छेना फैक्ट्रियों में हसनगंज एसडीएम रामदेव निषाद ने फूड, खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ दोनों छेना फैक्ट्रियों में रविवार को छापा मारा। जहां रामविलास गुप्ता के यहां 11 कुंतल 22 किलो छेना खराब मिलने पर मौके पर नष्ट कराया गया। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक तराजू सत्यापित नहीं पाया गया। विद्युत मीटर भी गड़बड़ मिला।

वहीं, दूसरी छेना फैक्ट्री जनता टेडर्स के यहां छापा मारा। जहां बन रहे छेना में तो सब ठीक मिला, लेकिन फैक्ट्री के दो मंजिल हाल के एक कोने में गत्ते के डिब्बो में कुछ खराब मिठाई रखी मिली। जिसका जांच के लिए सैंपल लेकर खराब मिठाई को पिकअप डाला में लदवाकर गांव के बाहर जेसीबी मशीन से जमीन में गढ्ढा खोदवा कर नष्ट की गई।
फैक्ट्री संचालक ने कहा कि ये मिठाई बिक्री के लिए नहीं रखी है। बिजली विभाग को विद्युत कनेक्शन का मीटर गड़बड़ मिला। जिसकी जांच बिजली विभाग ने मौके पर की। जांच टीम में एसडीएम रामदेव निषाद, सप्लाई इंस्पेक्टर अमित, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शैलेश दीक्षित, औरास थाना प्रभारी अश्वनी मिश्र फोर्स के साथ शामिल रहे।

100 कुंतल से अधिक को हो चुकी बिक्री
अभी तक 100 कुंतल से अधिक की मिलावटी छेना की बिक्री हो चुकी है। जो लोगो के स्वास्थ्य के लिए जान लेवा साबित होगी। ग्रामीणों ने बताया की कई वर्षों से मिलावट का कारोबार हो रहा है। जो अधिकारियों के संरक्षण में फल फूल रहा है।आसपास जनपद के 20 जिले से अधिक जगह पर इसकी सप्लाई होती थी।

रसूख इतना कि कार्रवाई से कतराते थे अफसर

स्थानीय लोगों ने बताया कि छेना फैक्ट्री में प्रतिवर्ष छापेमारी होती है और सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाता है। लेकिन राजनीतिक पकड़ के चलते कार्रवाई नहीं होती थी।

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