तिंदवारी थाना क्षेत्र के बहिंगा ग्राम पंचायत के मजरा सहिंगा की रहने वाली 55 साल की जमुना देवी ने मंगलवार को सुबह कमरे में लगी धन्नी के सहारे रस्सी से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। थोड़ी देर बाद वहां पहुंचे पति जगजीत विश्वकर्मा की नजर पड़ी तो उसने प्रधान और चौकीदार को सूचना दी।
महिला होमगार्ड की ड्यूटी शहर कोतवाली में लगी थी। होमगार्ड के तीन पुत्र शिवजीत, अमरजीत उर्फ जीतू व सत्यजीत उर्फ सत्यम और चार बेटियां हैं। उधर, पड़ोसियों ने बताया कि दो दिन पूर्व पुत्र जीतू ने मृतका से 50 हजार रुपये की मांग की थी। उन्होंने देने से इनकार कर दिया, तो पुत्र और पति ने पिटाई की थी।
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होमगार्ड की तहरीर पर पति जगजीत का शांतिभंग में चालान किया गया था। सोमवार को छूटकर आए पति और पुत्र से रात में फिर विवाद हो गया। इससे क्षुब्ध होकर उसने यह कदम उठाया है। इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह ने बताया कि दो दिन पूर्व पति के खिलाफ विवाद की तहरीर लाई थी, जिस पर पति पर शांतिभंग की कार्रवाई की गई थी।
मां ने पुत्र पर मुकदमा लिखे जाने से बचाया था
पड़ोसियों के मुताबिक पुत्र अमरजीत उर्फ जीतू गांव में जन सेवा केंद्र खोले था। वर्ष 2021 में उसने 12 से ज्यादा ग्राहकों के खाते से डेढ़ लाख रुपये निकालकर खर्च कर डाले थे। इसको लेकर ग्राहक अमरजीत उर्फ जीतू पर मुकदमा दर्ज करा रहे थे। वर्ष 2022 में मां जमुना देवी ने भरपाई कर पुत्र पर मुकदमा लिखे जाने से बचाया था। कुछ ही समय बीता कि जीतू ने रविवार को फिर 50 हजार रुपये की मांग रख दी थी।