उन्नाव में 8 माह बाद कब्र से निकाला गया शव , अब मौत का खुलेगा राज

उन्नाव जिले के एक गांव में एक व्यक्ति की अप्रैल 2022 में संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। इसके बाद भाई द्वारा शव को दफना दिया गया। इस मामले में मृतक की बेटी ने हत्या की आंशका पर न्यायालय में अर्जी दी थी। जिसके बाद इस मामले में न्यायालय ने शव का पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया है। इस पर पुलिस ने शव को आठ महीने बाद कब्र खोदवा कर बाहर निकला और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा। ऐसा बताया जा रहा है कि 3 डॉक्टरों की पैनल टीम शव का पोस्टमार्टम करेगी

मिल रही जानकारी के मुताबिक...औरास थाना क्षेत्र के जवन गांव के रहने वाले मलखे अपनी तीन बेटियां 14 साल लक्ष्मी, 17 साल की शिवानी और 8 साल की सुभाषनी के साथ चंडीगढ़ में रहकर मजदूरी करते थे। मार्च महीने में वह चंडीगढ़ से गांव आकर गेहूं की फसल कटवाने आया था। 19 अप्रैल को मलखे के भाई फूलचन्द ने अपनी पत्नी फूलमती के नाम उसकी जमीन बैनामा कराकर बेटियों को फोन कर उसकी तबियत खराब होने की बात कही थी। 20 अप्रैल को जब बेटियां गांव वापस आई तो घर पर पिता का शव पड़ा था।

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इसके बाद आरोप है कि बेटियों को बंधक बनाकर फूलचंद्र ने मलखे के शव को दफन कर दिया था। बेटियों ने जब इसकी शिकायत पुलिस में की तो उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद बड़ी बेटी शिवानी ने न्यायालय में याचिका दायर की थी। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने फूलचंद्र और उसकी पत्नी सहित 5 लोगों के खिलाफ हत्या, धोखाधड़ी आदि विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी।
 
वहीं न्यायालय के आदेश पर संयुक्त निदेशक अभियोजन के एल यादव, एसडीएम हसनगंज अंकित शुक्ला, सीओ पंकज सिंह व थानाध्यक्ष राजकुमार की मौजूदगी में दफन शव कब्र से निकलवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया

सीएमओ के निर्देश पर तीन डाक्टरों का पैनल बनाया गया है। जिसमें डॉ अमित श्रीवास्तव जिला पुरुष चिकित्सालय उन्नाव, डॉ तुषार चौरसिया जिला पुरूष चिकित्सालय, डॉ आशुतोष वार्ष्णेय एम दी फोरेंसिक सिकंदरपुर कर्ण शामिल होंगे तीनों डॉक्टरों के पैनल मैं पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का पता चल सकेगा।

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