उन्नाव कुलदीप सेंगर केस : अदालत ने तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप तय करने का दिया आदेश


उन्नाव रेप केस मामले में दिल्ली की विशेष अदालत यूपी पुलिस के तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ रेप केस में लापरवाही बरतने के आरोप तय करने के आदेश दिए हैं, दरअसल रेप पीड़िता ने 17 अगस्त 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिए अपने आवेदन में आरोप लगाया था कि साल 2017 के 4 जून को कुलदीप सेंगर ने उसके साथ बलात्कार किया और बाद में 11 जून को तीन अन्य लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया, लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।

लिहाज अब दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में आगे बढ़ने का आदेश दिया है, जिन्होंने 2017 में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ नाबालिग के आरोपों को दर्ज करने में विफल रहने पर बलात्कार के मामले को शुरू में संभाला था। अदालत ने हाल ही में उन्नाव में सफीपुर के सर्कल ऑफिसर के रूप में तैनात कुंवर बहादुर सिंह की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सीबीआई द्वारा दायर मामले से आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी।

अदालत ने कहा कि पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 166 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था कि सेंगर ने 4 जून, 2017 को उसके साथ बलात्कार किया था। मुख्यमंत्री कार्यालय में अपनी शिकायत के बाद भी निष्क्रियता का सामना करते हुए, पीड़िता ने 8 अप्रैल, 2018 को लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया, जो राज्य में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन गया। अदालत ने माखी थाने के पूर्व एसएचओ डीपी शुक्ला और उपनिरीक्षक दिग्विजय सिंह के खिलाफ भी आरोप तय करने के मामले में आगे बढ़ने का आदेश दिया है।

आरोप है कि पीड़िता ने 17 अगस्त 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिए अपने आवेदन में आरोप लगाया था कि उसी साल 4 जून को सेंगर ने उसके साथ बलात्कार किया और बाद में 11 जून को तीन अन्य लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया। उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं करते। उसकी शिकायत मुख्यमंत्री के शिकायत पोर्टल पर दर्ज कर जांच के लिए कुंवर बहादुर सिंह को भेज दी गई है।

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