CM योगी ने जारी की गाइडलाइन, UP की सड़कें 15 नवंबर तक गड्डा मुक्त हो


यूपी की सड़कों को गड्डा-मुक्ति के लिए सीएम योगी ने डेडलाइन तय कर दी है। गुरुवार को PWD के अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ने कहा कि हर हाल में 15 नवंबर तक सड़कें गड्डा-मुक्त हो जानी चाहिए। सीएम ने इसके लिए जल्द से जल्द गड्ढा-मुक्ति अभियान चलाने के निर्देश भी दिए है।

सीएम ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी प्रगति का माध्यम होती हैं।गांव हो या शहर, अच्छी सड़क हर प्रदेशवासी का अधिकार है, लिहाजा यूपी की सड़कों को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी हमारी है। इस समीक्षा बैठक में सीएम ने 08 अक्टूबर से शुरू हो रहें भारतीय सड़क कांग्रेस के 81वें अधिवेशन की तैयारियों की समीक्षा की।

''सड़क निर्माण के साथ-साथ उसका बेहतर रख-रखाव जरुरी''

सीएम ने कहा कि सड़क निर्माण के साथ-साथ उसके रखरखाव का भी पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। समय-समय पर सड़कों की मरम्मत किया जाना भी जरूरी होता है। बरसात का मौसम अंतिम चरण में है। ऐसे में सड़कों की मरम्मत और गड्ढा मुक्ति का कार्य किया जा सकता है। PWD, नगर विकास, सिंचाई, आवास एवं शहरी नियोजन, ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, गन्ना विकास विभाग, औद्योगिक विकास विभाग सहित सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभाग इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार करें।

मुख्यमंत्री बोले- गांव हो या शहर, अच्छी सड़क हर प्रदेशवासी का अधिकार

कोई व्यक्ति गांव में रहता हो या फिर मेट्रो सिटी में, अच्छी सड़कें, बेहतर कनेक्टिविटी उसका अधिकार है। ऐसे में सड़क सिंगल लेन की हो अथवा दो, चार या छह लेन की, उसकी गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़क निर्माण की परियोजनाएं समय पर पूरी हों। समय-समय पर इनके गुणवत्ता की जांच की जाए। लापरवाही अथवा अधोमानक सड़कों के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ जवाब देही तय की जाए।

''सड़क निर्माण में निजी निवेश को दें प्रोत्साहन''

सीएम ने कहा कि सड़क निर्माण में निजी क्षेत्र के निवेशकों का सहयोग लिया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण (उपशा) पीपीपी मोड पर अच्छी गुणवत्तापरक सड़कों के निर्माण की कार्ययोजना तैयार करें। 05 वर्ष में प्रदेश में सड़क निर्माण की तकनीक सुधार की दिशा में अभिनव कार्य हुए हैं। बॉर्डर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में प्रदेश ने एक मॉडल प्रस्तुत किया है। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने एफडीआर तकनीक आधारित सड़क तैयार कर न केवल सड़क की गुणवत्ता को बेहतर किया, बल्कि लागत को भी कम किया है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को देखने जाएंगे 1500 डेलीगेट्स

2017 से पहले तक मात्र 01 एक्सप्रेस-वे वाले प्रदेश में आज 6 एक्सप्रेस-वे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग भी 05 वर्ष पहले की तुलना में लगभग दोगुने हो गए हैं। बॉर्डर एरिया में शानदार कनेक्टिविटी है। भविष्य की जरूरत को देखते हुए प्रदेश के विभिन्न राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण की जरूरत है। ऐसे में मार्गों का चिन्हीकरण करते हुए इनके राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकरण व चौड़ीकरण के संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा जाना चाहिए।

भारतीय सड़क कांग्रेस के 81वें अधिवेशन के लिए सीएम के निर्देश:
उत्तर प्रदेश की मेजबानी में आगामी 08 अक्टूबर से आयोजित भारतीय सड़क कांग्रेस के 81वें अधिवेशन में भारत सरकार के मंत्रियों की उपस्थिति होगी। इसके अतिरिक्त, सड़क निर्माण से जुड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं/कंपनियों के 1500 प्रतिनिधि भाग लेने वाले हैं। यह अधिवेशन सभी डेलीगेट्स के लिए अविस्मरणीय हो, इस भाव के साथ सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं।


फुल डेप्थ रेक्लेमेशन तकनीक यानी एफडीआर के जरिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माण कार्य कराया जा रहा है। आज भारत सरकार ने कई राज्यों को हमारे इस प्रयास मॉडल से सीखने-जानने को भेजा है। प्लास्टिक वेस्ट से सड़कें बन रही हैं। आईआरसी में हमें प्रदेश के ऐसे नवाचारों से डेलीगेट्स को परिचित कराना चाहिए।


कोविड की चुनौतियों के बावजूद भी हमने रिकॉर्ड समय में पूरी गुणवत्ता के साथ बिना किसी विवाद के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे के रूप में विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी तैयार की है। डेलीगेट्स को इनका फील्ड विजिट भी कराया जाना चाहिए।


आईआरसी अधिवेशन में देश-दुनिया की नवीनतम तकनीकों पर विमर्श होगा। यह हमारे इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी होगा। ऐसे में विभिन्न इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्र-छात्राओं को भी सहभागी बनाया जाए। इस संबंध में कॉलेजों को समय से संवाद बना लिया जाए।

 

 

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