यूपी में बच्चे की बीमारी का इलाज नहीं करा पाया तो पिता ने हत्या कर शव नहर में फेंका, चौंकाने वाले खुलासा


उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बहेड़ी में हीमोफीलिया से बीमार तीन साल के बेटे का इलाज नहीं करा पाया तो पिता ने उसे गला दबाकर मार दिया और उसका शव नहर में फेंक दिया। पुलिस ने शव को बरामद कर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मोहम्मद तारिक मूलरूप से बहेड़ी (बरेली) के ढकिया का निवासी है

कुछ साल पहले वह उत्तराखंड के पुलभट्टा क्षेत्र के सिरौली कला में जाकर रहने लगा था। मंगलवार को उसने पुलभट्टा थाने में बेटे शाबान की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने छानबीन शुरू की लेकिन इसी बीच तारिक के पैतृक गांव ढकिया के पास नहर से शाबान का शव मिलने की सूचना मिली। 

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फिर पुलिस ने सख्ती की तो तारिक ने बेटे की हत्या की बात कुबूल कर ली। उसने बताया कि शाबान बीमार था। कर्ज की वजह से वह इलाज करा पाने की हालत में नहीं था। इस वजह से उसने गला दबाकर बेटे को मार डाला। हत्या करने के बाद शव अपने गांव के पास नहर में फेंक दिया था। पुलिस ने शाबान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

आरोपी पिता का बयान संदेह के घेरे में
तीन साल के मासूम बेटे शाबान की हत्या करने खले उसके पिता मोहम्मद तारिक के मुताबिक, वह हीमोफीलिया का रोगी था। डॉक्टरों ने इसका इलाज काफी महंगा बताया था। तंगी की हालत होने की वजह से उसने शाबान को मार डाला। हालांक तारिक का यह इसलिए संदिग्ध भी माना जा रहा है, क्योंकि हीमोफीलिया का इलाज कराना जरूरी नहीं होता। 


उधमसिंह नगर (उत्तराखंड) की एएसपी ममता मेहरा ने बताया कि तारिक ने बताया कि उसे पिछले डेढ़ साल से ट्रक के कारोबार में लगातार घाटा हो रहा था। तीन-चार दिन पहले वह शाबान को लेकर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल गया था, जहां तमाम जांचों के बाद डॉक्टरों ने उसे  दिल्ली ले जाने की सलाह दी थी।

ट्रक की 22 हजार रुपये महीने की उसकी चार किस्तें बकाया चल रही थीं। तंगी के कारण बेटे का महंगा इलाज कराना उसके लिए संभव नहीं था। इसी की वजह से गला दबाकर मार डाला।

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